याद्दाश्‍त के लिए घातक है बढ़ता वजन

याद्दाश्‍त के लिए घातक है बढ़ता वजन

सेहतराग टीम

यूं तो मोटापा बीमारियों की जड़ है। इसके कारण मधुमेह, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग आदि बीमारियों का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है मगर अब वैज्ञानिकों ने शोध के जरिये ये पता लगाया है कि शरीर का बहुत अधिक बढ़ा वजन दिमागी तंदुरुस्‍ती के लिए भी गंभीर रूप से नुकसानदेह हो सकता है। हमारी सीखने की क्षमता और याद्दाश्‍त पर मोटापे का गंभीर असर हो सकता है।

दिमाग पर असर

अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि इंसानी दिमाग में एंडोथेलियल कोशिकाएं एक दीवार की तरह काम करती हैं। इन कोशिकाओं पर दो रिसेप्टर एडोरा-1ए और एडोरा-2ए होते हैं। इनके संतुलन से दिमाग में खून का बहाव और दिमाग की कार्यप्रणाली नियंत्रित होती है। मोटापे के कारण रिसेप्टर एडोरा-2ए बहुत अधिक सक्रिय हो जाता है। इसके कारण दिमाग में खून का बहाव असंतुलित हो जाता है और दिमाग की क्षमता प्रभावित होती है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ मोटापे और डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों की समझ कमजोर होती जाती है। ऐसे लोगों में दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित हो जाता है, जो कुछ सीखने और चीजों को याद रखने में मददगार होता है।

खतरनाक बीमारियों का खतरा

याद्दाश्‍त के अलावा मोटे लोगों को चपेट में लेने वाली दो खतरनाक बीमारियां हैं मधुमेह और उच्‍च रक्‍तचाप। एक बार ये दोनों समस्‍याएं आपको हुईं तो और बीमारियां खुद ही आपके शरीर का पता लगाते हुए चली आती हैं। मोटापा, मधुमेह और उच्‍चर क्‍तचाप का मेल घातक हो सकता है और इसके कारण हार्ट फेल, स्‍ट्रोक, किडनी फेल, नेत्र ज्‍योति का जाना और ऐसी पता नहीं कितने तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

कैसे कम कर सकते हैं मोटापा

बॉडी मास इंडेक्‍श यानी बीएमआई के पैमाने पर 25 से नीचे के लोग सामान्‍य, 25 से ऊपर के लोग अधिक वजन वाले और 30 से ऊपर के लोग मोटे कहे जाते हैं। वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपनी ऊंचाई के हिसाब से अपने सही वजन का पता लगाएं और फ‍िर ये देखें कि उसके अनुसार हमें कितना वजन कम करने की जरूरत है। इसके बाद सबसे पहले अपने आहार की जांच करें कि आप दिनभर में अपने भोजन के जरिये कितनी कैलरी लेते हैं। अगर आप किसी बीमारी (जैसे की थायराइड) की वजह से मोटापे का शिकार नहीं हैं तो आमतौर पर आपके वजन का राज इसी कैलरी और आपकी शारीरिक गतिविधि में छिपा होता है। इस कैलरी को पर्याप्‍त मात्रा में कम करके और इसकी जगह फाइबर युक्‍त आहार ज्‍यादा लेकर तथा नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि को बढ़ा देने से बहुत तेज गति से आपका वजन नियंत्रित होता है। लेकिन इसके लिए दृढ़ मानसिक शक्ति की जरूरत होती है क्‍योंकि आपकी आहार की आदत आसानी से नहीं बदलती और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने में आलस्‍य आपका रास्‍ता रोक लेता है। इन दोनों कमजोरियों से पार पाते ही आप स्वस्‍थ जीवन जीने की राह पर चल पड़ेंगे।

 

 

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